'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना
बेटी है तो कल है
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना
- प्राथमिक लक्ष्य बाल लिंग अनुपात में सुधार
महिला सशक्तिकरण से जुड़े अन्य विषयों का समाधान
संचालित करने की जिम्मेदारी तीन मंत्रालय पर
महिला और बाल विकास मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
महिला और बाल विकास मंत्रालय नोडल मंत्रालय
भारतीय समाज में पितृसत्ता की मान्यताओं को खत्म करना मकसद
शुरुआत में 100 जिलों में शुरू
नवंबर 2017 में सभी 640 जिलों में लागू
- स्त्री-पुरुष अनुपात सुधारना
- लड़कियों की पढ़ाई लिखाई
लड़कियों की सेहत ठीक रखने के लिए विशेष अभियान
स्कूल जाने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार बेटियों को
आसानी से पढ़ा सकें
बहुक्षेत्रीय रणनीति
लोगों की सोच को बदलने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान
स्थानीय नए उपायों से समुदाय तक पहुंचने पर बल
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कानून लागू करना
स्कूलों में लड़कियों के अनुकूल संरचना
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना
शिक्षा के अधिकार को कारगर ढंग से लागू करना
स्कूलों में लड़कियों के अनुकूल संरचना
- बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना
शिक्षा के अधिकार को कारगर ढंग से लागू करना
विभिन्न मीडिया में कार्यक्रम को लेकर अभियान
सामूहिक सामुदायिक कार्य और उत्सवों का आयोजन
लड़की का जन्मदिन मनाना
- साधारण तरीके से विवाह को बढ़ावा देना
- महिलाओं के संपत्ति के अधिकार को समर्थन देना
सामाजिक तौर-तरीकों को चुनौती देने वालों को सम्मान
सभी ग्राम पंचायतों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड
बोर्ड में संबंधित गांव के बालक-बालिका अनुपात का जिक्र
लड़की के जन्म पर उसके परिवार को तोहफा
सभी ग्राम पंचायतों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड
- बोर्ड में संबंधित गांव के बालक-बालिका अनुपात का जिक्र
लड़की के जन्म पर उसके परिवार को तोहफा
ग्राम पंचायत की ओर से लड़कियों का जन्मदिन मनाना
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की शपथ
बालक-बालिका अनुपात बढ़ने पर ग्राम पंचायत को सम्मान
बाल विवाह के लिए ग्राम प्रधान जिम्मेदार
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के बारे में जागरुकता फैलाना
स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों को अभियान में शामिल करना
योजना का असर
- 2014-15 में जन्म के समय लिंगानुपात 918
- हजार लड़कों पर 918 लड़कियां
2018-19 में जन्म के समय लिंगानुपात 931
हजार लड़कों पर 931 लड़कियां
- लिंगानुपात में 13 अंकों की वृद्धि
राष्ट्रीय स्तर पर सुधार की प्रवृत्ति
हरियाणा में असर
22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से शुरू
लिंगानुपात की स्थिति हरियाणा में बेहद खराब थी
20 में से 12 जिलों में लिंगानुपात की हालत बहुत खराब
- योजना से हरियाणा में स्थिति लगातार बेहतर होती गई
- 2014 में हरियाणा में लिंगानुपात 871
राष्ट्रीय औसत से बेहद कम
हरियाणा में 2019 में लिंगानुपात बढ़कर 923
- हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों का सुधार
राज्यों को सम्मान
- दिल्ली समेत पांच राज्यों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया
हरियाणा, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश
जिलों को सम्मान
अरुणाचल प्रदेश का पूर्व कमेंग
- हरियाणा का महेंद्रगढ़ और भिवानी
उतराखण्ड का उधम सिंह नगर
तमिलनाडु के नमक्कल और तिरुवल्लूर
- महाराष्ट्र का जलगांव
उत्तर प्रदेश के इटावा और फ़र्रुखाबाद
छत्तीसगढ़ का रायगढ़
- राजस्थान के जोधपुर और नागौर
गुजरात का अहमदाबाद
हिमाचल प्रदेश के मंडी और शिमला
जम्मू कश्मीर का किश्तवाड़
कर्नाटक का गदग
नागालैंड का वोखा जिला
सरकारी योजनाएं
सुकन्या समृद्धि योजना
बेटी के जन्म से लेकर 10 वर्ष तक खोला जा सकता है खाता
एक बालिका के नाम से एक ही खाता खोला जा सकता है
बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए मिलती है आर्थिक मदद
खाता 250 रुपये की न्यूनतम राशि से खोला जा सकता है
अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं
छोटी बचत स्कीम में बेहतर ब्याज दर वाली योजना
- बेटी के 18 वर्ष होने पर शिक्षा के लिए जमा
राशि से निकलेगा 50 प्रतिशत
21 साल होने पर विवाह के समय खाते से पूरा पैसा निकाला जा सकता है
खाता डाकघर या अधिकृत बैंक में खुलवाया जा सकता है
खाते पर किसी प्रकार का आयकर नहीं
लगता है
CBSE छात्रवृत्ति योजना
स्कूल ट्यूशन फीस में छूट दी जाती है
500 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति दी जाती है
परिवार में एक ही लड़की को योजना का लाभ मिलेगा
केवल सरकारी स्कूल की छात्राओं को मिलेगा लाभ
छात्रवृत्ति के लिए 10 वीं कक्षा में 60 प्रतिशत या 6.2 CGPA जरूरी
बालिका समृद्धि योजना
15 अगस्त 1997 में योजना की शुरुआत
1997 के बाद पैदा होने वाली बच्चियों को वित्तीय सहायता
योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की बच्चियों को मिलेगा
परिवार में बालिका के जन्म पर 500 रुपए देने की व्यवस्था
जन्म से 10 वीं कक्षा तक 500 से 1000 रुपये तक राशि की व्यवस्था
भाग्यलक्ष्मी योजना (उत्तर प्रदेश)
28 अप्रैल 2017 को योजना की शुरुआत की गई
- बीपीएल परिवार को बेटी के जन्म पर 50
हजार रुपए का बॉन्ड
लिंगानुपात सुधारने के लिए भाग्यलक्ष्मी
योजना शुरू की गई
भाग्यलक्ष्मी योजना (उत्तर प्रदेश)
'मनी फॉर गर्ल चाइल्ड' योजना के नाम से भी जाना जाता है
नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन
कराना अनिवार्य
'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' योजना
- प्राथमिक लक्ष्य बाल लिंग अनुपात में सुधार
महिला सशक्तिकरण से जुड़े अन्य विषयों का समाधान
संचालित करने की जिम्मेदारी तीन मंत्रालय पर
महिला और बाल विकास मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
मानव संसाधन विकास मंत्रालय
महिला और बाल विकास मंत्रालय नोडल मंत्रालय
भारतीय समाज में पितृसत्ता की मान्यताओं को खत्म करना मकसद
शुरुआत में 100 जिलों में शुरू
नवंबर 2017 में सभी 640 जिलों में लागू
- स्त्री-पुरुष अनुपात सुधारना
- लड़कियों की पढ़ाई लिखाई
लड़कियों की सेहत ठीक रखने के लिए विशेष अभियान
स्कूल जाने वाले बच्चों को छात्रवृत्ति
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार बेटियों को
आसानी से पढ़ा सकें
बहुक्षेत्रीय रणनीति
लोगों की सोच को बदलने के लिए राष्ट्रव्यापी अभियान
स्थानीय नए उपायों से समुदाय तक पहुंचने पर बल
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिए कानून लागू करना
स्कूलों में लड़कियों के अनुकूल संरचना
बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना
शिक्षा के अधिकार को कारगर ढंग से लागू करना
स्कूलों में लड़कियों के अनुकूल संरचना
- बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करना
शिक्षा के अधिकार को कारगर ढंग से लागू करना
विभिन्न मीडिया में कार्यक्रम को लेकर अभियान
सामूहिक सामुदायिक कार्य और उत्सवों का आयोजन
लड़की का जन्मदिन मनाना
- साधारण तरीके से विवाह को बढ़ावा देना
- महिलाओं के संपत्ति के अधिकार को समर्थन देना
सामाजिक तौर-तरीकों को चुनौती देने वालों को सम्मान
सभी ग्राम पंचायतों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड
बोर्ड में संबंधित गांव के बालक-बालिका अनुपात का जिक्र
लड़की के जन्म पर उसके परिवार को तोहफा
सभी ग्राम पंचायतों में गुड्डा-गुड्डी बोर्ड
- बोर्ड में संबंधित गांव के बालक-बालिका अनुपात का जिक्र
लड़की के जन्म पर उसके परिवार को तोहफा
ग्राम पंचायत की ओर से लड़कियों का जन्मदिन मनाना
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' की शपथ
बालक-बालिका अनुपात बढ़ने पर ग्राम पंचायत को सम्मान
बाल विवाह के लिए ग्राम प्रधान जिम्मेदार
कन्या भ्रूण हत्या रोकने के बारे में जागरुकता फैलाना
स्थानीय स्कूलों और कॉलेजों को अभियान में शामिल करना
योजना का असर
- 2014-15 में जन्म के समय लिंगानुपात 918
- हजार लड़कों पर 918 लड़कियां
2018-19 में जन्म के समय लिंगानुपात 931
हजार लड़कों पर 931 लड़कियां
- लिंगानुपात में 13 अंकों की वृद्धि
राष्ट्रीय स्तर पर सुधार की प्रवृत्ति
हरियाणा में असर
22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से शुरू
लिंगानुपात की स्थिति हरियाणा में बेहद खराब थी
20 में से 12 जिलों में लिंगानुपात की हालत बहुत खराब
- योजना से हरियाणा में स्थिति लगातार बेहतर होती गई
- 2014 में हरियाणा में लिंगानुपात 871
राष्ट्रीय औसत से बेहद कम
हरियाणा में 2019 में लिंगानुपात बढ़कर 923
- हरियाणा में लिंगानुपात में 52 अंकों का सुधार
राज्यों को सम्मान
- दिल्ली समेत पांच राज्यों ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया
हरियाणा, उत्तराखण्ड, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश
जिलों को सम्मान
अरुणाचल प्रदेश का पूर्व कमेंग
- हरियाणा का महेंद्रगढ़ और भिवानी
उतराखण्ड का उधम सिंह नगर
तमिलनाडु के नमक्कल और तिरुवल्लूर
- महाराष्ट्र का जलगांव
उत्तर प्रदेश के इटावा और फ़र्रुखाबाद
छत्तीसगढ़ का रायगढ़
- राजस्थान के जोधपुर और नागौर
गुजरात का अहमदाबाद
हिमाचल प्रदेश के मंडी और शिमला
जम्मू कश्मीर का किश्तवाड़
कर्नाटक का गदग
नागालैंड का वोखा जिला
सरकारी योजनाएं
सुकन्या समृद्धि योजना
बेटी के जन्म से लेकर 10 वर्ष तक खोला जा सकता है खाता
एक बालिका के नाम से एक ही खाता खोला जा सकता है
बेटियों की शिक्षा और शादी के लिए मिलती है आर्थिक मदद
खाता 250 रुपये की न्यूनतम राशि से खोला जा सकता है
अधिकतम 1,50,000 रुपये जमा किए जा सकते हैं
छोटी बचत स्कीम में बेहतर ब्याज दर वाली योजना
- बेटी के 18 वर्ष होने पर शिक्षा के लिए जमा
राशि से निकलेगा 50 प्रतिशत
21 साल होने पर विवाह के समय खाते से पूरा पैसा निकाला जा सकता है
खाता डाकघर या अधिकृत बैंक में खुलवाया जा सकता है
खाते पर किसी प्रकार का आयकर नहीं
लगता है
CBSE छात्रवृत्ति योजना
स्कूल ट्यूशन फीस में छूट दी जाती है
500 रुपये की मासिक छात्रवृत्ति दी जाती है
परिवार में एक ही लड़की को योजना का लाभ मिलेगा
केवल सरकारी स्कूल की छात्राओं को मिलेगा लाभ
छात्रवृत्ति के लिए 10 वीं कक्षा में 60 प्रतिशत या 6.2 CGPA जरूरी
बालिका समृद्धि योजना
15 अगस्त 1997 में योजना की शुरुआत
1997 के बाद पैदा होने वाली बच्चियों को वित्तीय सहायता
योजना का लाभ ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों की बच्चियों को मिलेगा
परिवार में बालिका के जन्म पर 500 रुपए देने की व्यवस्था
जन्म से 10 वीं कक्षा तक 500 से 1000 रुपये तक राशि की व्यवस्था
भाग्यलक्ष्मी योजना (उत्तर प्रदेश)
28 अप्रैल 2017 को योजना की शुरुआत की गई
- बीपीएल परिवार को बेटी के जन्म पर 50
हजार रुपए का बॉन्ड
लिंगानुपात सुधारने के लिए भाग्यलक्ष्मी
योजना शुरू की गई
भाग्यलक्ष्मी योजना (उत्तर प्रदेश)
'मनी फॉर गर्ल चाइल्ड' योजना के नाम से भी जाना जाता है
नजदीकी आंगनवाड़ी केंद्र में रजिस्ट्रेशन
कराना अनिवार्य
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें