सुविचार

टूटे फूटे अरमानों को समेट कर, उजड़े हुए हौसलों को सींच कर, अपने अंदर कुछ कर दिखने का जूनून पैदा कर समल कर ये बन्दे तू ऐसी जिंदगी का निर्माण कर, हम सोचते ही रहे वो कर गुजर गए, बिना देवता के बंदगी, बिना मकसद की जिंदगी किस काम की, बिन वोय कॉटन गये फिर नाराजगी किस काम की । वक्त हवा के झोंके जैसा है जब आता है तो अपना अहसास देकर चला जाता है करोडोँ लोग ऐसे ही गुजर गए, जिन्होंने कोई मकसद निश्चय नही कर पाया। क्या तुम भी उन्ही में शामिल होना चाहते हो जरा विचार करो? किसी का.अपमान से उसके अपमान से कही अधिक खुद का चरित्र अपमानित हो जाता है। ज्ञान सर्वोपरि है ! इसे सर्वदा अधिक से अधिक ग्रहण करने के लिए प्रयास रत रहना चाहिए दिमाग कभी खाली नही रहता है। चाहे उसे अपने अनुसार कार्य मे लगाओ या उसके अनुसार दिये गये कार्योँ मे लगे दिमाग़ एक अश्व है, जिसे दिशा देते जाओ वो उस दिशा में सतत आगे बड़ता जाएगा, यदि दिशा नहीं दी गई तो किसी भी दिशा में तनिक संकेत मात्र से बढ़ने लगता है। इस बाहरी संके...